Munawar Faruqui जो की अपनी Shayari के लिए काफी मशहूर हे. हालहीमें उन्होंने अपनी Munawar Faruqui Shayari का जादू बिग बोस ने नए सीज़न 17 में भी चलाया था. और वे ये शो जीते भी थे. इससे पेहले Munawar Faruqui को हमने लॉकअप के पहले सीज़न में भी देखा हे. चलिए जानते हे उनकी कुछ बेहतरीन शायरी के बारेमे.
In Short
Munawar Faruqui Shayari:
तेरे बाद कुछ खोने से डर नहीं लगता,
सफर हसीं पर मुकम्मल नहीं लगता,
रहते थे महफ़ूज़ जिन्न दीवारों में
अब वो घर भी हमें घर नहीं लगता।
मैं फरेब से फरेब करलू
तेरे बाद खुदको केद करलू
तूजे भी इश्क था मेरी इस लिखाई से क्या
इस ख़ूबी को अब मैं ऐब करलू ?
कोई बचा नहीं ज़मीन पर
लयाक ए ऐतब्बार मेरा
लेकिन तेरे हर सितम का गवाह
मैंने पुरा आसमां रखा है…
“यह दुनिया है,
इन्हें जीते जी खबर नहीं, मरने से पहले कदर नहीं।”
“तुझे खोने का डर,
तुझे पाने की जिद्द से बड़ा है।”
Best Munawar Faruqui Shayari
“किसी ने सवाल तो किसी ने अंदाज़ बदले
किसी ने लिबास तो
किसी ने किरदार बदले
मैंने देखा है बुरे
वक्त में लोगों को
किसी ने खुदा तो
किसी ने आसमान बदले।”
“कितनी गफलत में ज़िंदगी गुज़ार रहा हूँ, मत पूछो
चिराग़ ढूंढ रहा हूँ, हाथ में अंधेरा लिए।”
“मंज़िल के नशे में, मैं घर छोड़ आया
वो मुझे नशे में
देख कर घर ले आए।
अपनी ज़ात से तंग मैं
सामान पीछे छोड़ आया
मेरे खाली कंधे देख,
वो रिश्तों का बोझ ले आए।”
“दुनिया की सबसे बड़ी खुशी माँ-बाप है
यकीन मानो,
ईद भी ईद नहीं लगती।”
“रुसवा तो तुझे भी कर दूं, लेकिन बाकी मुझमें अभी लिहाज़ है।
पूरा शहर मेरा मुरीद,
बस तेरा मोहल्ला मेरे ख़िलाफ़ है।”
“बनाता हूँ घर में इनके दिलों में रोज़ ही
जब लौटा खुद के घर, तो फ़क़्र करने वाला कोई नहीं।”
“तेरी आँखें जैसे नूर, मेरी रातें बेफिजूल
तू सितारों सी दूर, तू कहानियों की हूर।”
“हंसी ख़रीदने आए थे जो, उन्हें दर्द बेचा
मैंने गाने में डाल।”
The Best Munawar Faruqui Shayari
“बेफिक्र हुए मुझे,
एक अर्सा हो गया है,
आवाज़ नहीं सुनता, लगता है
ये सुकून कहीं सो गया है।
संभाल रखी है वो
बचपन की पतंग मैंने
ढूंढ रहा हूँ वो
आसमान जो खो गया है।”
“सैलरी चाहे जितनी भी हो,
पॉकेट मनी वाली खुशी नहीं देती।”
“मैंने ख्वाब की खातिर नींद को आग लगाई है।”
“आ पास बैठ, मेरे राज़ की ये बातें,
सुन।
चाहता मंज़िल, तो बेचैनी भरी
रातें चुन।”
“टूटे खिलौनों से भरा है कमरा आज भी,
मुसीबत ने बनाया बचपन में ही आदमी।
मैं घर से निकलूं सोचके,
सफर ये लास्ट राइड।
नाम हो मशहूर,
मूसे जैसा मरने के बाद भी।”
“मेरी ख़ामोशी कहती क्या? तू भी बोले इशारों में।
ख्वाहिश कलंदर की लेती, पनाह तेरी ही बाहों में।”
“सजदे हील करते वही मेरी दवा है,
कैसे डील करता ख़ुदा, मेरा गवाह है।
भेद-चाल वाले समझे इनकी फ़तेह हुई,
ज़ख़्मी हे तो क्या? शेर फिर भी सवा है।”
“मेरा फायदा उठाया है,
मुझे नज़र अंदाज़ भी किया है।
उसने सुना के फ़साना जूठ का,
मुझे बर्बाद भी किया है।”
“खड़ा बुलंदी पे ख़ुदा लाख़ शुक्र करूँ,
अमाल ख़ास नहीं तो अख़िरत की फिक्र करूँ।
उसको शायद पसंद है मेरा टूटना,
मुसीबत भेजता है, ताकि उसका ज़िक्र करूँ।”
“वो राज़ की तरह मेरी बातों में था,
जुगनू जैसा मेरी काली रातों में था।
किस्सा क्या सुनाऊं तुम्हें कल रात का,
सितारों की भीड़ में, वो चाँद मेरे
हाथों में था।”
“वो जुल्फ़ों से दिन में रातें करती है,
उसकी आँखें ता उम्र के वादे करती है।
भरती है आँखें हवाइयों को छू कर,
और वो बस मुस्कुरा के बारिशें करती है।”
“बादशाहों को सिखाया है कलंदर होना,
तू आसान समझता है क्या मुनव्वर होना।
दिन भर हँसती शकल लेके चलना,
रोते सजदों में और गिले तकियों पे सोना।”
“मेरा ख्वाब जागेगा मेरी नींद भरी आँखों में,
आँख लगे तो कभी थाम लेना हाथ मेरे।”
“कुछ रास्ता लिख देगा, कुछ मैं लिख दूँगा
वो लिखते जाएं मुश्किल, मैं मंज़िल लिख दूँगा।”
“रिज़्क की परवाह नहीं, जो लिखा है वह मिलेगा,
रिस्त की कला देख, जो लिखूँ मैं वह बिकेगा।”
“हरीफ़ ही नहीं, तो खेल कोई खेलूँ क्यों,
हुकूमत दिलों पे तो,
ताज कोई पहनूं क्यों।”
Munawar Faruqui Shayari Trending
“आजाती रौनक महफ़िलों में मेरे नाम से ही,
इतना नयाब हूँ आज,
दम कोई लगा नहीं सकता।”
“मैं अपनी करवटों का हिसाब लिए बैठा हूँ,
मैं राज़दार उनके राज़ लिए बैठा हूँ।
नहीं है ग़र्ज़ अब कोई परछाई बने मेरी,
मैं अपने सायों से नफ़रत किए बैठा हूँ।”
“रहमत हज़ार लेकिन मोहब्बत से महरूम रहूँगा,
मत पूछो मुझसे, शिकायत उनकी ख़ुदा से करूँगा।
मेरे नाम का ज़िक्र हो तो,
दुआ भेजना सुकून की।
मैं मुनव्वर मरने के बाद भी
मशहूर रहूँगा।”
“मेरे ग़म को मेरी हंसी में दबा बैठा है,
राहतों का दौर मेरी राहों में लूटा बैठे हैं।
वो क्या ज़िल्लत करेंगे मेरी ज़ात को,
जबकि मेरा ख़ुदा मेरे गुनाह छुपा बैठे हैं।”
“सिरहाना खाली मुझे याद तेरी आ रही है।
भूख मर चुकी है, फिकर तेरी खा रही है।”
“खुद के मिजाज से खुद बरबाद क्या करना,
प्यार को तरसना और मोहब्बत से डर ना।”
“कुछ रास्ता लिख देगा, कुछ मैं लिख दूंगा,
तुम लिखते जाओ मुश्किल, मैं मंजिल लिख दूंगा।”
“बाजारों में रौनक लोट आई है,
लगता है वो बेपर्दा बाजार आई है।”
“सुनो तुम ख्वाब देखो,
मैं पूरा करके आता हूं।”
“झूलम करने वाले एक दिन जरूर डूबेंगे,
मेरा यकीन समंदर से भी गहरा है।”
“कोई ठोकर खाके बैठा था, कोई गम में डूबा था,
किसी ने बड़े दर्द सहे थे तो कोई बरबाद हुआ था।”
“कहना शायद मुश्किल होगा, तुझे कितना चाहता हूं,
तुझे आने वाली हिचकियों से माफ़ी चाहता हूं।”
“हंसा कर चेहरों को खूब रोशन किया है मैंने,
मेरे अंदर के अंधेरे, मुझसे बड़ी शिकायतें करते हैं।”
“आंखों का सुकून तो, किसी के दिल की ठंडक हो गया,
एहसास न हुआ मुझे, मैं तो पिघलता हुआ बर्फ़ हो गया।”
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